Bagh Baghin Har Jote Panchpargania Songs Lyrics

Bagh Baghin Har Jote Panchpargania Songs Lyrics, ऊँचा-ऊँचा टुंगरी, सुधाई पाकल कुन्दरी , दे न दादा ठेंगा काटी, बहु जातउक बागाली , बाघ-बाघिन हर जोतयँ, कुकुर बुने धान रे , बनेक बांदर लुंड़ा झाड़े, खेढ़िया किसान रे , आज हम आप सभी के बीच कुछ ऐसे  Panchpargania Jhumar Songs Lyrics लेकर आ रहे हैं , जो पाँच परगना क्षेत्र की कला संस्कृति को दर्शाता है। अभी जिन गानों की Lyrics आप सामने ला रहे हैं , ये सारे गाने हर किसी के जुबान पर बसते हैं। हमारे पारम्परिक पर्वों में सभी गांव के भाई – बहन , बड़े -छोटे सभी गाकर नृत्य करते हैं। ये सभी गाने पांच परगना  हर निवासी का पारम्परिक  धरोहर है। इन गानों के संकलन कर्ता हैं पांच परगना के गाँधी डॉ करमचन्द्र अहीर , जो की पंचपरगनिया साहित्य के एक जाने माने कवि ,कथाकार ,रचनाकार आदि हैं।

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Bagh Baghin Har Jote Panchpargania Song

(1)
ऊँचा-ऊँचा टुंगरी, सुधाई पाकल कुन्दरी ।
दे न दादा ठेंगा काटी, बहु जातउक बागाली ।।

(2)
बाघ-बाघिन हर जोतयँ, कुकुर बुने धान रे ।
बनेक बांदर लुंड़ा झाड़े, खेढ़िया किसान रे ।।

(3)
झींगा जे रोपली, कायता जनमि गेल ।
लालिन-लालिन , काहे लालिन झाँटी तरे ठाढ़ जे ।।

(4)
भादर मासे, खोंसा बांधयँ घाँसे ।
देखा-देखी लो धनी , केकर केसन आसे ।।

(5)
छोटे-मोटे बनिया, बेंचे जीरा धनिया ।
बनिया-बनिया , तोरे तो चलल राइज-दुनिया ।।

(6)
बासी भात साबार-सुबुर, मछरी तियन रे ।
जदि रहे हंड़ुवा चटनी, पीटले के उठे रे ।।

Encoded by-Sudarshan

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