झारखण्ड वन्दना Panchpargania Songs Lyrics ,झारखण्ड वन्दना नमो नमो झारखण्डेर भूमि,आमाय सरन दिले जे तुमि। ये पंचपरगनिया गीत पंचपरगनिया भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ करम चंद्र अहीर द्वारा रचित है। पंचपरगनिया भाषा साहित्यकारों में डॉ करम चंद्र अहीर का नाम बड़े आदर से लिया जाता है।
गीत- झारखण्ड वन्दना
गीतकार- डॉ करम चंद्र अहीर
झारखण्ड वन्दना
नमो नमो झारखण्डेर भूमि,
आमाय सरन दिले जे तुमि।
जंगल-झाड़, पर्वत-नदी, राइखेछो माथाय तुमि।
बन-सम्पति, खनिज-भंडार, कोले राइखेछो तुमि ।।1।।
सउब जाति-धर्म-भाषा के, समान बासिस गो तुमि।
सउब संतान के एक रकम, दुलार करिस जे तुमि ।।2।।
बिरसा, तिलका, सिद्धू-कान्हू के, जनम दिले जे तुमि।
गया, पोटो, मारा, डोबरो, चाँद-भैरबेरो माँ तुमि ॥3॥
शेख, भिखारी, विश्वनाथ के, भुलते नाइ पारी आमि।
‘करम’ कहे तोर बर्निमा, करते नाई पारी आमि ॥4॥
डॉ. करम चंद्र अहीर